बलरामपुर। बलरामपुर जिले में जमीन फर्जीवाड़े के एक बड़े मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी और एक पटवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला कोदौरा गांव का है, जहां करीब 60 से 70 एकड़ शासकीय व निजी भूमि में फर्जी दस्तावेजों के जरिए हेराफेरी किए जाने का आरोप सामने आया था।
क्या है पूरा मामला
पुलिस जांच में सामने आया कि कोदौरा गांव की बड़ी मात्रा में जमीन को अवैध तरीके से अपने नाम कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इस पूरे फर्जीवाड़े में मुख्य आरोपी के साथ स्थानीय पटवारी की मिलीभगत सामने आई है। आरोप है कि पटवारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राजस्व रिकॉर्ड में गलत प्रविष्टियां कीं, जिससे जमीन का स्वामित्व बदला जा सका।
गुप्ता परिवार पर था आरोप
इस मामले में पहले गुप्ता परिवार पर जमीन फर्जीवाड़े के आरोप लगे थे। शिकायत मिलने के बाद राजस्व विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से दस्तावेजों की जांच शुरू की। जांच के दौरान कई रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए, जिसके बाद आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
डवरा पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए डवरा थाना पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने आपसी साठगांठ कर जमीन के खसरा, नक्शा और अन्य राजस्व दस्तावेजों में हेराफेरी की थी। गिरफ्तारी के बाद दोनों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
अन्य लोगों की भूमिका की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में अन्य लोगों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
प्रशासन का सख्त रुख
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जमीन से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और लोगों को उम्मीद है कि जमीन फर्जीवाड़े जैसे गंभीर मामलों पर अब सख्ती से कार्रवाई होगी।

