अस्पताल को ही इलाज की जरूरत है।

खैरागढ़ जिले के गठन के बाद यहां के सिविल अस्पताल से लोगों को आधुनिक और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद थी, लेकिन अस्पताल की जर्जर हो चुकी इमारत अब हादसों को दावत दे रही है। आज यही अस्पताल खुद मरीजों के लिए खतरा बन गया है, हाल ही में आमदनी गांव की 20 वर्षीय युवती दीपिका वर्मा इलाज के लिए इसी अस्पताल में भर्ती थी, तब पुराने भवन की छत का एक हिस्सा अचानक उसके ऊपर गिर गया और वह घायल हो गई। दीपिका की हालत स्थिर है, लेकिन यह घटना साफ तौर पर प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।

अस्पताल परिसर में नया भवन तैयार हो चुका है, लेकिन नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की भारी कमी के चलते वहां अब तक वार्ड चालू नहीं हो पाए हैं। मरीजों को मजबूरी में पुराने और जर्जर हो चुके भवन में ही भर्ती किया जा रहा है। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी को दर्शाती है, बल्कि आम जनता की जान के साथ सीधा खिलवाड़ भी है।

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