बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर में कांग्रेस नेता पर अंधाधुन फायरिंग करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने खुलासा किया कि गोलीकांड का मास्टरमाइंड युवा कांग्रेस का पूर्व उपाध्यक्ष विश्वजीत अनंत निकला, जिसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने इस गोलीकांड के सरगना सहित 7 आरोपियों की गिरफ्तारी करने के साथ ही देशी कट्टा और देशी पिस्टल जब्त किये है।
गौरतलब है कि 28 अक्टूबर की शाम कांग्रेस नेता नितेश सिंह पर अज्ञज्ञत हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए जानलेवा हमला किया था। घटना के वक्त नितेश सिंह मस्तूरी स्थित अपने ऑफिस के सामने अपने मामा तामेश सिंह, टुकेश सिंह और भाई बृजेश सिंह सहित अन्य रिश्तेदारों के साथ कुर्सी लगाकर बैठे थे। इसी दौरान एकाएक बाइक पर पहुंचे हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया।
इस गोलीकांड में एक गोली राजकुमार के पैर पर लगी, जिससे वो मौके पर ही घायल होकर गिर गये। फायरिंग की जानकारी होते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। फायरिंग के दौरान किसी तरह बचते हुए कांग्रेस नेता नितेश सिंह ने अपने लाइसेंसी पिस्टल से अपने बचाव में हमलावरों पर फायरिंग की गयी। जिसके बाद जाकर हमलावर मौके से फरार हो गये। गोली लगने से घायल राजकुमार और चंद्रभान सिंह को इलाज के लिए तत्काल अपोलो अस्पताल भेजा गया।
घटना के बाद पुलिस ने झोंकी अपनी पूरी ताकत
बिलासपुर में कांग्रेस नेता पर हुए इस जानलेवा हमले और गोलीकांड की जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारी तुरंत हरकत में आ गये। बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व मेें टीम गठित कर अज्ञात हमलावरों की सरगर्मी से तलाश शुरू की गयी। पुलिस की टीम ने घटन के वक्त का आसपास लगे 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये। गोलीकांड के बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने सरकंडा थाना को कंट्रोल रूम बनाकर वहीं डटे रहे।
जिसका नतीजा ये रहा कि महज कुछ ही घंटों में हमलावरों की पुलिस ने पहचान कर उनकी धरपकड़ भी शुरू कर दी। इस गोलीकांड की वारदात के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए 24 घंटे से पहले ही मास्टरमाइंड विश्वजीत और उसके भाई समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें दो नाबालिग भी शामिल है।
कांग्रेस नेता की हत्या की साजिश पहले भी दो बार रची जा चुकी थी
गोलीकांड के बाद पुलिस की पूछताछ में कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह ने पुलिस को बताया कि इस हमले की सूचना उन्हें अपने लोगों के माध्यम से एक हफ्ते पहले ही लग गई थी। लेकिन उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया था। नितेश से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने कोनी के रहने वाले मोहम्मद मतीन को पहले हिरासत में लिया। जिसके बाद बाकी बदमाशों की धरपकड़ की गयी। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि हमलावरों ने इससे पहले भी दो बार हत्या करने की प्लानिंग की थी।
लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद 28 अक्टूबर की शाम मौका पाकर उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हालांकि इस बार भी वो असफल ही रहे। पूछताछ में मास्टरमाइंड विश्वजीत के छोटे भाई अरमान अनंत का नाम सामने आया। अरमान से पूछताछ के बाद कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने विश्वजीत उसके दो अन्य भाई समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
राजनीतिक वर्चस्व और जमीन विवाद के कारण हत्या की प्लानिंग
SSP रजनेश सिंह ने इस गोलीकांड का खुलासा करते हुए बताया कि ये पूरी वारदात राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई और जमीन के कारोबार में एकाधिकार को लेकर किया गया था। कांग्रेस नेता नितेश सिंह पहली बार में ही जनपद उपाध्यक्ष बन गया था, उसने नागेंद्र राय को हराया था। नागेंद्र के खिलाफ भी थाने में कई मामले दर्ज है। गोलीकांड का मास्टरमाइंड विश्वजीत अनंत नितेश सिंह के विरोधी गुट से जुड़ा था। इसके अलावा इनके बीच जमीन विवाद पहले से ही चला आ रहा था।

