कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में नेशनल हाईवे 30 पर मंगलवार देर रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। सिटी कोतवाली कोण्डागांव क्षेत्र अंतर्गत मसोरा टोल नाका के पास एक खड़ी ट्रक से स्कॉर्पियो के टकराने से 5 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 7 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे ने पूरे बड़ेडोंगर क्षेत्र को शोक में डूबा दिया है।
हादसे में मारे गए सभी युवक बड़ेडोंगर के रहने वाले थे और कोण्डागांव में फिल्म देखकर लौट रहे थे। स्कॉर्पियो क्रमांक CG 27 R 7920 में कुल 12 युवक सवार थे। हाईवे पर पहुंचते ही वाहन तेज रफ्तार में था और इसी दौरान स्कॉर्पियो की भिड़ंत एक खराब ट्रक से हो गई, जो टोल नाका के पास ही बीच सड़क पर खड़ी थी। ट्रक का नंबर CG 04 HU 8214 बताया गया है।
हादसा इतना भीषण था कि टक्कर होते ही स्कॉर्पियो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और 5 युवकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मृतकों में शामिल हैं—
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नूतन मांझी (18) पिता सावंत राम
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शत्रुघन मांझी (26) पिता पुषऊ राम
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लखनराम मंडावी (40) पिता सूदन
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उपेंद्र मंडावी (17) पिता लखनराम
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रूपेश मंडावी (23) पिता तिजाऊ राम
ये सभी भैंसाबेड़ा बड़ेडोंगर के निवासी थे।
घटना में कई अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। धनेश्वर नाग (18), दामेंद्र नाग (22) और रामचंद्र राणा (27) की हालत नाजुक होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर किया गया है। वहीं सोगेंद्र मंडावी (22) और रविंद्र नेताम (28) बुरी तरह घायल हैं। टेकेश्वर मांझी (22) और चालक ओंकार नाग (28) को मामूली चोटें आई हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही कोण्डागांव पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना शुरू किया। वाहन को सड़क से हटाया गया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
टोल प्रशासन की लापरवाही उजागर
स्थानीय लोगों ने हादसे के बाद टोल प्लाजा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि—
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टोल प्लाजा में हादसे के समय कोई गार्ड मौजूद नहीं था।
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खराब ट्रक को हटाने के लिए टोल के पास कोई क्रेन भी उपलब्ध नहीं थी।
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टोल परिसर के आसपास सड़क पर बड़े गड्ढे और खामियां मौजूद थीं, जो हादसे की वजहों में से एक मानी जा रही हैं।
लोगों का कहना है कि यदि टोल प्रशासन जिम्मेदारी निभाता, तो शायद यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।
गांव में मातम का आलम
बड़ेडोंगर गांव में घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। 5 युवकों की मौत ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया है। परिजन बार-बार बेहोश हो रहे हैं और गांव में किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला।
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा, टोल प्रबंधन और हाईवे में खड़े वाहनों पर कार्रवाई की जरूरत को सामने लाता है। प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाएगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

