होमवर्क नहीं करने पर छात्र को पेड़ से लटकाने का मामला : हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा –

बिलासपुर। सूरजपुर जिले के रामानुजनगर में एक प्राइवेट स्कूल में केजी-टू के छात्र को होमवर्क नहीं करने पर टीचर ने घंटों पेड़ से लटकाए रखा। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पालकों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा किया। हाईकोर्ट ने भी मामले को काफी गंभीर माना है और संज्ञान लेते हुए सचिव स्कूल शिक्षा विभाग से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई है।

होमवर्क नहीं करने पर छात्र को पेड़ से लटकाने का मामला : हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा – बच्चों के साथ क्रूरता बर्दाश्त नहीं, स्कूल शिक्षा सचिव से मांगा जवाब

मामले को लेकर कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ क्रूरता और निजी स्कूलों में अव्यवस्था असहनीय है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शासन को इसे गंभीरता से लेना होगा। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि मामले में शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है और स्कूल की मान्यता समाप्त करने की नोटिस दी गई है।

दरअसल, यह मामला रामानुजनगर ब्लाक मुख्यालय क्षेत्र के नारायणपुर के हंसवानी विद्या मंदिर का है। इस स्कूल में नर्सरी से पाचवीं तक के छात्र पढ़ते हैं। बीते सोमवार को जब स्कूल खुला तो बच्चे समय पर स्कूल पहुंचे। इसी बीच नर्सरी क्लास में जब पढ़ाई शुरू हुई तो टीचर काजल साहू ने होमवर्क चेक किया। इसी दौरान एक छात्र ने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया था। इस पर टीचर काजल साहू बच्चे पर भड़क गई। टीचर ने बच्चे को सजा के तौर पर क्लास से बाहर निकाल दिया। इसके बाद स्कूल परिसर में एक पेड़ से रस्सी के सहारे उसको लटका दिया। बच्चा रस्सी के सहारे घंटों लटकता रहा।

इस दौरान बच्चा रोता रहा, टीचर से उसे छोड़ने के लिए कहता रहा, लेकिन उन्होंने बच्चे की बिल्कुल भी नहीं सुनी। जिस समय बच्चे को पेड़ से लटकाया गया था, उसी दौरान किसी ग्रामीण ने घटना का वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में पैरेंट्स स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि स्कूल प्रबंधन घटना को मामूली बताता रहा। मामले में विवाद बढ़ने पर शिक्षा विभाग भी हरकत में आया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच की। उन्होंने मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजने की बात कही है।

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