ASP सहित कई पुलिसकर्मी घायल:शव दफनाने को लेकर हिंसक बवाल: आदिवासी–धर्मांतरित समुदाय आमने-सामने, चर्चों में आगजनी, धारा 144 लागू

कांकेर। कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड़े तेवड़ा में धर्मांतरित व्यक्ति के शव दफन को लेकर उपजे विवाद ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। शव को कब्र से निकालकर गाँव से बाहर अंतिम संस्कार करने की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चर्च में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। इसके अलावा सरपंच के घर में भी तोड़फोड़ की। इस दौरान आदिवासी और ईसाई समाज के बीच हिंसक झड़प हुई। साथ ही पुलिस पर भी पत्थरबाजी की गई, जिसमें अंतागढ़ एडिशनल एसपी आशीष बंसोड़ समेत 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं भारी विरोध के बीच प्रशासन ने शव को कब्र से निकालकर बाहर भेज दिया है। फिलहाल, गांव में स्थिति नियंत्रण में है।

चारामा में भी दफन को लेकर विवाद, हिंदू संगठन ने किया विरोध

वहीं ग्राम बड़े तेवड़ा में उपजे विवाद के बाद धर्मांतरित व्यक्ति के शव को चारामा तहसील मुख्यालय में दफन करने की सूचना पर तनाव फैल गया। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता कब्रिस्तान पहुंच गए और शव दफनाने का विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी व्यक्ति ने अपना मूल धर्म छोड़ दिया है, तो उसे स्थानीय परंपराओं या सार्वजनिक स्थलों पर दफनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रशासन से धर्मांतरित व्यक्तियों के लिए अलग व्यवस्था सुनिश्चित करने और स्थानीय सामाजिक समरसता बनाए रखने की मांग की।

विवाद की स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कब्रिस्तान और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों द्वारा दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता और बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

यह है पूरा मामला

पुलिस से मुताबिक, ग्राम बड़े तेवड़ा निवासी 70 वर्षीय चमरा राम सलाम की मृत्यु 16 दिसंबर 2025 को हुई थी। मृतक का पुत्र गांव का सरपंच है। सरपंच और परिजनों ने मृतक का दफन संस्कार गांव में अपनी निजी भूमि पर किया। वहीं चमरा राम सलाम की मृत्यु को लेकर संदेह व्यक्त करते हुए तथा दफन प्रक्रिया के संबंध में गांव के कुछ ग्रामीण विरोध कर रहे हैं और शव को बाहर निकालने (Exhumation) की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों द्वारा यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि दफन संस्कार स्थानीय आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार नहीं किया गया। ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर कार्यपालिक दंडाधिकारी द्वारा विधिक प्रावधानों के अनुसार शव को बाहर निकालने (Exhumation) का आदेश जारी किया गया। पंचनामा और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी तथा उसके उपरांत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इस मुद्दे को लेकर गांव में गुरुवार को तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्रामीण आपस में आमने-सामने आ गए तथा पत्थरबाजी की घटना हुई। पुलिस कर्मियों एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए है। घटना के दौरान संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है।

इस घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंतागढ़ आशीष बंछोर सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायल एएसपी और पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए उच्च केंद्र रेफर किया गया है. घटना के संबंध में आवश्यक विधिक प्रक्रिया एवं अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं बस्तर आईजी, उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक पुलिस बल और कार्यपालिक दंडाधिकारी गांव में उपस्थित हैं। वर्तमान में स्थिति नियंत्रित है। मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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