कमजोर कहानी ने आयुष्मान-रश्मिका की जोड़ी का जादू किया फीका

आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म थामा (Thamma) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। दर्शकों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं, खासकर क्योंकि यह दोनों सितारों की पहली जोड़ीदार फिल्म है। लेकिन अफसोस, ‘थामा’ उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं उतरती। फिल्म का कॉन्सेप्ट भले ही नया है, मगर इसकी कमजोर कहानी और बिखरी हुई पटकथा इसे औसत बना देती है।

कहानी की बात

‘थामा’ की कहानी एक म्यूजिकल-थ्रिलर के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें आयुष्मान खुराना एक संघर्षरत सिंगर का किरदार निभा रहे हैं, जो अपने सपनों के लिए हर हद पार कर देता है। वहीं रश्मिका मंदाना एक रेडियो जॉकी के रोल में हैं, जो उसकी जिंदगी में बदलाव लाती है। कहानी की शुरुआत दिलचस्प है, लेकिन बीच के हिस्से में फिल्म अपनी रफ्तार खो देती है।

एक्टिंग और कैमिस्ट्री

आयुष्मान खुराना ने हमेशा की तरह शानदार अभिनय किया है — उनकी आवाज़ और स्क्रीन प्रेजेंस प्रभावित करती है। रश्मिका मंदाना भी अपने किरदार में खूबसूरत लगी हैं, लेकिन दोनों के बीच की केमिस्ट्री उतनी मजबूत नहीं दिखती जितनी उम्मीद थी। कई इमोशनल सीन्स असर छोड़ने से पहले ही कमजोर पटकथा में खो जाते हैं।

म्यूजिक और टेक्निकल पहलू

फिल्म का म्यूजिक इसकी सबसे बड़ी ताकत है। आयुष्मान के गाने कहानी के साथ मेल खाते हैं और कुछ ट्रैक्स दर्शकों को थियेटर से बाहर निकलने के बाद भी याद रहते हैं।
सिनेमैटोग्राफी और लोकेशन्स शानदार हैं, लेकिन एडिटिंग और स्क्रीनप्ले में कसावट की कमी साफ नजर आती है।

निर्देशन और लेखन

निर्देशक ने फिल्म को भावनात्मक और रहस्यमय दोनों अंदाज में दिखाने की कोशिश की है, मगर कमजोर लेखन और लचर सेकंड हाफ ने इसे नुकसान पहुंचाया। फिल्म की लंबाई भी इसे थोड़ा बोझिल बना देती है।

रेटिंग

2.5/5 स्टार
फिल्म ‘थामा’ अपने कलाकारों की मेहनत के बावजूद कहानी के मोर्चे पर पिछड़ जाती है। अगर आप आयुष्मान या रश्मिका के फैन हैं तो इसे एक बार देखा जा सकता है, लेकिन उम्मीद मत कीजिए कि यह फिल्म आपको सीट से बांधकर रखेगी।

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