प्रदेशभर की आँगनबड़ी कार्यकर्ता जाएंगे महाधरना प्रदर्शन में

आज रायपुर प्रेस क्लब में आंगनबाड़ी प्रान्तीय अध्यक्ष सरिता पाठक के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने बताया कि 19 सितम्बर को प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय रायपुर के सामने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं महाधरना प्रदर्शन करेंगी। उनकी 8 सूत्रीय मांगों के साथ उन्हें सम्मानजनक वेतन दिया जाए और आंदोलनकारी पदाधिकारियों पर की जा रही बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई तुरंत रोकी जाए।

सरिता पाठक ने बताया कि देशभर में लगभग 50 वर्ष से लागू हुई आंगनबाड़ी योजना में आज भी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बुनियादी सुविधाओं और जीने लायक वेतन से वंचित हैं। छत्तीसगढ़ में भारी संख्या में महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं कार्यरत है, इतने वर्षों में न तो इन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाता है और ना ही मजदूर , न ही पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा या चिकित्सा जैसी सामाजिक सुरक्षा की मांग पूरी नहीं हो पाई है।

डिजिटल सिस्टम के तहत काम जैसे पोषण आहार वितरण, फेस कैप्चर, ओटीपी वेरिफिकेशन आदि के लिए मोबाइल, इंटरनेट, चार्ज जैसी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। झाड़ू, फिनाइल, कागज जैसे रोजमर्रा के संचालन के सामान के लिए भी कोई नियमित बजट नहीं दिया जाता है। जब कार्यकर्ता अपनी समस्याओं को अधिकारियों को बताती है तो उनकी आवाज को दबाया जाता है, उन्हें डराया और धमकाया जाता है। कई पदाधिकारियों को मनगढ़त आरोपों में बर्खास्त किया गया है,

अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को तृतीय व सहायिकाओं को चतुर्थ श्रेणी शासकीय कर्मचारी का दर्जा न मिले तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं 26,000 व सहायिकाओं 21,100 रुपये प्रदान किया जाए। इसके अलावा पेंशन, बीमा, डिजिटल उपकरण, पदोन्नति की मांग की है। ऑनलाइन कार्यों में नेटवर्क और संसाधनों की भारी कमी के चलते मानदेय कटता है। विभाग समस्याओं के समाधान के बजाय बर्खास्तगी के आदेश जारी कर रहा है, जिसका कार्यकर्ताओं ने निंदा की है और इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है। कार्यकर्ताओं ने इस विषय मे सचिव, संचालक और कलेक्टर को पत्र भी दिया था लेकिन शासन के तरफ से कोई पहल न होने कारण 1 सितम्बर 2025 को राज्य के 33 जिलों में भारी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका धरना प्रदर्शन पर उतरी थी। सरकार की उदासीनता के कारण फिर से 19 सितंबर को रायपुर में धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है। धरना में प्रधानमंत्री एवं छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौपी जाएगी। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि धरना प्रदर्शन को सरकार अनदेखा करती है तो मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल बाध्य होंगे।

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