रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा अवदाब (डिप्रेशन) अब चक्रवाती तूफान में बदल गया है, जिसके असर से राज्य के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश और हवा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक राज्य में सक्रिय मौसम प्रणाली के कारण भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण छत्तीसगढ़ के पांच जिलों — नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो कुछ इलाकों में 80 किमी/घंटे तक भी पहुंच सकती हैं। तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी है।
वहीं, कोंडागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, महासमुंद, बालोद, राजनांदगांव और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में मध्यम से हल्की बारिश के साथ गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बना यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ के दक्षिणी और मध्य भागों में नमी बढ़ेगी और तापमान में गिरावट आएगी। राजधानी रायपुर में रविवार को भी हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि बस्तर संभाग के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश दर्ज की गई।
रायपुर के माना क्षेत्र में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 72 घंटे के दौरान राज्यभर में दिन का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री कम रह सकता है।
विभाग ने किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खेतों में रखी फसलों और खुले स्थानों पर रखी सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर रखने, बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे शरण न लेने की चेतावनी दी गई है।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, चक्रवात का असर बस्तर संभाग में सबसे अधिक देखने को मिलेगा। भारी बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है। प्रशासन ने भी सभी जिलों में राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है।

