महासमुंद। जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर कलेक्टर विनय लंगेह की सख्त कार्रवाई रंग लाई है। खनिज विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त कार्रवाई के तहत जब्त किए गए अवैध रेत को 10 अलग-अलग ब्लॉकों में विभाजित कर पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से नीलाम किया गया। इस नीलामी से शासन को कुल 7 करोड़ 41 लाख 5 हजार 706 रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। नीलामी में 9 ब्लॉकों से अब तक 6 करोड़ 69 लाख 63 हजार 266 रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है, जबकि एक ब्लॉक बरबसपुर-सी की नीलामी राशि 56 लाख 39 हजार 840 रुपए शेष है। इस कार्रवाई को जिले में खनिजों की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
ज्ञात हो कि कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर खनिज और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने ग्राम पंचायत बरबसपुर, घोड़ारी, बड़गांव और बिरकोनी क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर अवैध रूप से भंडारित रेत को जब्त किया था। इसके पश्चात खनिज विभाग ने एरियल ड्रोन सर्वे के माध्यम से जब्त रेत की सटीक मात्रा का निर्धारण किया, जिसमें कुल 2,61,323 घनमीटर अवैध भंडारण पाया गया। इसके बाद 4 जुलाई 2025 को समाचार पत्र के माध्यम से दावा-आपत्ति आमंत्रण जारी किया गया। हालांकि, भंडारणकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत दावे एरियल ड्रोन सर्वे में प्राप्त मात्रा से कम पाए गए। परिणामस्वरूप विभिन्न सरकारी और निजी भूमि में अवैध रूप से भंडारित रेत को खनिज राजस्व और पुलिस विभाग ने सयुक्त रूप से जब्त किया।
खनिज विभाग ने बताया कि दावा-आपत्ति में यदि किसी अवैध रेत भंडारणकर्ता ने कम मात्रा दर्शाई, तो उन पर अधिरोपित अर्थदंड/समझौता राशि से शासन को होने वाले राजस्व हानि की स्थिति में समस्त दावा आपत्ति आवेदन को खारिज कर दिया गया। कलेक्टर विनय लंगेह की पहल पर जब्त रेत को बरबसपुर-ए, बरबसपुर-बी, बरबसपुर-सी, घोड़ारी-डी, बड़गांव-ई, बड़गांव-एफ, बड़गांव-जी, बिरकोनी-एच, बिरकोनी-आई और बिरकोनी-जे ब्लॉकों में बांटकर पारदर्शी नीलामी की गई। 9 ब्लॉकों से सफल बोलीदाताओं ने 6,69,63,266 रुपए जमा किए। बरबसपुर-सी ब्लॉक से 56,39,840 रुपए की राशि शेष है। इसके साथ आवेदन शुल्क 4,30,000 रुपए और जप्त कार्यपालन प्रतिभूति 10,72,600 रुपए जोड़े जाने पर कुल 7,41,05,706 रुपए शासन को प्राप्त होंगे।
कलेक्टर लंगेह ने स्पष्ट कहा कि जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन या भंडारण में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में ऐसे कृत्य पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खनिज विभाग को सतत अभियान चलाकर जिले में जांच जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि खनिज संसाधनों का सुरक्षित और वैधानिक दोहन सुनिश्चित किया जा सके। इस निर्णायक कार्रवाई से जिले को करोड़ों का राजस्व लाभ हुआ है और खनन नियंत्रण व्यवस्था में सख्ती एवं पारदर्शिता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। इस पहल ने न केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया है बल्कि जिले में खनिज संसाधनों के सुरक्षित और वैधानिक उपयोग के लिए मॉडल तैयार किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से अवैध रेत व्यापार में लगे गिरोहों में डर का माहौल बनेगा और भविष्य में कोई भी व्यक्ति अवैध खनन, परिवहन या भंडारण के जोखिम में नहीं आएगा। इस पहल के तहत खनिज विभाग द्वारा एरियल ड्रोन सर्वे और तकनीकी सहायता का उपयोग करना भी जिले में खनिज निगरानी तंत्र को मजबूत करता है। कलेक्टर ने आम जनता और राजस्व अधिकारियों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शासन और प्रशासन समय रहते कार्रवाई कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से प्राप्त राजस्व का उपयोग विकास कार्यों और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा।

