बाघ की दहाड़ से थर्राए हाथी, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में दिखा 4-5 साल का नर बाघ

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व से एक बड़ी और रोमांचक खबर सामने आई है। लंबे समय के बाद यहां के जंगल में एक 4-5 साल का नर बाघ वापस लौट आया है। वन विभाग के लगाए गए ट्रैप कैमरे में उसकी चहलकदमी कैद हुई है। इस वापसी से वन विभाग में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि बाघ का लौटना जंगल में वन्यजीवों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

वन विभाग ने बाघ की सुरक्षित वापसी के लिए पिछले दो साल से कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने जंगल में ऐसा अनुकूल वातावरण तैयार किया, ताकि बाघ और अन्य वन्यजीव बिना किसी खतरे के रह सकें। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बाघ की सुरक्षा के लिए एक विशेष निगरानी टीम बनाई गई है, जो आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके उस पर नजर रख रही है।

बाघ के डर से हाथियों ने बदला रास्ता

बाघ की वापसी का असर जंगल के दूसरे जानवरों पर भी दिख रहा है। उपनिदेशक वरुण जैन के अनुसार, बाघ के विचरण वाले इलाकों से हाथियों के झुंड ने दूरी बना ली है। सिकासेर और कुलाप दल में रहने वाले लगभग 40 हाथी, जिनमें एक दर्जन से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं, आमतौर पर जून महीने में मैदानी इलाकों में आ जाते थे। लेकिन इस बार बाघ के डर से उन्होंने पहाड़ों में ही शरण ली हुई है।

अवैध शिकार और अतिक्रमण पर लगी लगाम

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के लिए वन विभाग ने कई कड़े कदम उठाए हैं। रिकॉर्ड्स के मुताबिक, 3 जनवरी 2023 से प्रशासन ने कोर जोन में बसे अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाना शुरू किया था। ओडिशा से आकर बसे इन लोगों को हटाकर लगभग 700 हेक्टेयर वन भूमि खाली कराई गई। इसके अलावा, अवैध शिकार को रोकने के लिए भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिसका नतीजा अब बाघ की वापसी के रूप में सामने आया है। वन विभाग का मानना है कि वन्यजीवों के लिए सुरक्षित ठिकाने होने पर वे इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

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