रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 24वीं वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखी जाएगी। इस रिपोर्ट को आयोग की अध्यक्ष डॉ. रीता शांडिल्य ने राज्यपाल रमेन डेका को सौंपा। रिपोर्ट का औपचारिक प्रस्तुतिकरण जल्द ही विधानसभा में किया जाएगा।राजभवन में आयोजित इस औपचारिक बैठक में आयोग के सदस्य डॉ. प्रवीण वर्मा, डॉ. सरिता उइके, संतकुमार नेताम, चंद्र कुमार अजगले तथा परीक्षा नियंत्रक लीना कोसम भी उपस्थित रहीं।
गड़बड़ियों पर उठ सकती है सियासी गर्मी
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में हाल के वर्षों में हुई चयन प्रक्रियाओं की गड़बड़ियों का विस्तृत उल्लेख हो सकता है। खासतौर पर राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) और डिप्टी कलेक्टर समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर हुई नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं पर सवाल उठाए गए हैं। चूंकि इस समय सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां CGPSC परीक्षाओं की जांच कर रही हैं, इसलिए यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश होते ही राजनीतिक हलचल बढ़ा सकती है।
पारदर्शिता बढ़ाने के सुझाव भी शामिल
आयोग की ओर से राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट में न केवल बीते वर्ष के परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं का ब्यौरा है, बल्कि इसमें भविष्य की परीक्षा प्रणाली को और पारदर्शी व फुलप्रूफ बनाने के सुझाव भी शामिल किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि परीक्षा प्रणाली में तकनीकी सुधार, डिजिटल निगरानी और शिकायत निवारण की प्रक्रिया को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।
डीपीसी की बैठकों का विवरण भी रिपोर्ट में
वार्षिक रिपोर्ट में आयोग द्वारा विभिन्न विभागों के लिए की गई विभागीय पदोन्नति समितियों (DPC) की बैठकों का भी पूरा विवरण शामिल किया गया है। इनमें कई विभागों में लंबित पदोन्नति मामलों के निस्तारण की जानकारी दर्ज की गई है।
विधानसभा में गरमाएगा मुद्दा
CGPSC से जुड़ी अनियमितताओं के आरोप पिछले कुछ वर्षों से विवादों का विषय रहे हैं। परीक्षा परिणामों में बदलाव, उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में अनियमितता और चयन सूची में संशोधन जैसे मामलों ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। अब जब आयोग की वार्षिक रिपोर्ट सदन में पेश होगी, तब यह मुद्दा राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बहस का विषय बन सकता है।

