बढ़ते सड़क हादसों पर हाईकोर्ट सख्त: कोहरे में ट्रैफिक नियंत्रण की क्या है तैयारी? मुख्य सचिव से शपथपत्र में जवाब तलब

बिलासपुर। प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर संज्ञान लेने के बाद हाईकोर्ट जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर रहा है। आज हुई सुनवाई में डिवीजन बेंच ने कोहरे की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर भी संज्ञान लिया और प्रदेश के मुख्य सचिव से शासन की कार्ययोजना शपथपत्र के साथ तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गई है.

राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई जारी रखी है। पूर्व में हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्य राज्यों की तरह ठोस रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया था। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।

आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर अपूर्व त्रिपाठी ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें दिसंबर माह के पहले दो सप्ताह में प्रदेश में हुई 5 सड़क दुर्घटनाओं का उल्लेख किया गया है। यह भी बताया गया कि शीतकालीन माह में कोहरे के कारण निरंतर हादसे होते जा रहे हैं। यह एक गंभीर समस्या बन गई है। बलरामपुर की ओर तथा अंबिकापुर सड़क पर बनारस जाने वाले हाइवे में भी बुरा हाल है।

शपथ पत्र में मुख्य सचिव से मांगा जवाब

विजिबिलिटी बिलकुल कम होने के कारण वाहनों का एक्सीडेंट हो रहा है। कोर्ट कमिश्नर की इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने शासन से पूछा कि कोहरे के हालातों में आप ट्रैफिक कंट्रोल कैसे करेंगे। इस पूरे मामले में राज्य के मुख्य सचिव से शपथ पत्र पर जवाब तलब किया है। इसमें बताना होगा कि हादसे रोकने शासन और यातायात विभाग क्या उपाय कर रहा है।

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